Friday, March 8, 2019

Happy Womens Day💐

😊
उसी से घर-आँगन का मान,
उसी से रौनक सुबह व शाम।
वही है राधा,सीता ,सती
वही है काली व दुर्गा भी।
सदा करो उसका सम्मान,
सुख का होगा फिर आह्वान ।
आदर दे कर ,आदर है पाना
धैर्य प्रेम की है वो प्रतिमा।
सरस्वति,लक्ष्मी स्वरुप वो
जीवनदायनी है परिवार की।
औरत की महिमा है महान,
शब्दों न सिमट सकती बखान।
दो परिवार का वो है अभिमान,
कायम रखना उसका स्वाभिमान।
       😊Happy Womens Day💐

Friday, March 1, 2019

अभिनंदन का अभिनंदन

🇮🇳🙏🇮🇳🙏
भारतीयों की आन,बान,शान
माता - पिता का अभिमान।
करने को अभिवादन आज,
झूम उठी है ज़मीं और आसमान।
जिसके शौर्य की हो रही है चर्चा
हर गली, मोहल्ले शहर तमाम।
ढ़ोल, मंजीरे ,पुष्ष व संगीत गा,
करो'अभिनंदन' का,अभिनंदन आज।
☺🙏☺

Tuesday, February 26, 2019

जय हिंद 🙏

🙏🇮🇳🙏
प्रेम,स्नेह,आभार प्रकट सदा ही करते आए हम,
पर यदि ललकारोगे तो,बारूद बन बरसेंगे हम।
🙂
लहू हमारे भीतर भी है,यह अब बतला देंगे हम।
तिरंगे की ख़ातिर दुश्मन को, धूल चटा देते हैं हम।
       ...... अर्चना सिंह 'जया' 😊

गुलाल मलकर देशभक्तों ने खुशी आज है दर्शाया।
शहादत का बदला लेकर,देश ने सुकून है पाया।
होली, दिवाली दोनों साथ ही देखो आज यूँ मनाया।
हिन्दुस्तानियों के दिलों को केसरिया रंग है भाया।
😊

Sunday, February 17, 2019

जि़दगी

                💐ज़िंदगी💐

क्या गलत है, क्या सही है? समझ नहीं पायी थी ज़िंदगी , 
जीवन के चैराहे पर तन्हाॅ, कश्मकश में थी सहमी ज़िंदगी। 

छाॅंव-धूप सी, आग-पानी सी और बारिश में इंद्रधनुषी सी, 
कभी प्यारी सी लगे है जिं़दगी, तो कभी अनबुझ पहेली सी।

नन्हें करों से चलते-चलते, कदमों पर चल पड़ी यूॅं जिं़दगी,
चार पहर कब लम्हों ,दिनों, वर्षों में तबदील हो गई जिं़दगी। 

सपनें दिखाती, उड़ना भी सिखाती, दूर कर देती है जिं़दगी,
पल पल का हिसाब है रखती, जाने कब छल गई जिं़दगी।

वादा किया था उम्र भर का, क्यूॅ रुसवा कर गई तू जिं़दगी,
मझधार में लाकर हाथ है छोड़ा, ख़ता तो मेरी बता जिं़दगी। 
😊😊

                                ............................. अर्चना सिंह‘जया’

Friday, February 15, 2019

शत् शत् नमन

🙏🙏
गगन भी झुका है जिसके सज़दे,
धरा भी रो रही है जिनके वास्ते,
जन जन की हो गई आँंखें नम,
वतन के शहीदों को पुष्प नमन ।💐💐
         
              ..... अर्चना सिंह जया
🙏🇮🇳🙏
अब तो जागो देश के जवानों,
राष्ट् की खातिर एक हो जाओ।
ध्वजा का मान तुम्हें है रखना,
आवाज़ बुलंद कर आगे आओ।
साँसें न जाए ,उनकी खाली
जिन्होंने अपनी प्राण है गँवाई।
🙏🇮🇳🙏

🙏🙏
सतकर्म कर जीवन किया जिसने समर्पित,
उन्हीं के मार्ग पर चल, उन्हें करना है गर्वित।
माता -पिता व राष्ट् का मान बढ़ाया जिसने,
कर जोड़, शीश नमन उन्हें करना है हमने।
वतन को रहेगा सदैव ही उन पर अभिमान ,
बच्चे ही नहीं बड़े भी उन्हें करते हैं सलाम।
🙏🇮🇳🇮🇳🙏
                         ....अर्चना सिंह 'जया'

Tuesday, January 1, 2019

Happy New Year 😊

नव वर्ष का आगमन ( कविता )

                    
गुजरे कल को कर शीश नमन,
मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।
         वसंत के आगमन से पिहु बोल उठा,
         फिर से महकेगा वसुधा और गगन ,
          मन दर्पण-सा खिल उठेगा सबका,
         नूतन पुष्पों व पल्लव से सजेगा चमन।
गुजरे कल को कर शीश नमन,
           चारों तरफ सुगंधित मंद पवन हो,
           झुरमुट लताओं में कलरव हो,
           आँगन में गूँजती किलकारी हो,
           युवकों के मन में विश्वास प्रबल हो।
गुजरे कल को कर शीश नमन,
          रिश्तों में अटूट प्रेम का हो बंधन,
           घरों में पनप उठे महकता उपवन,
           अब समाज में हो जाए नव मंथन,
          वसुंधरा में गूँजे सत्यं, शिवम् ,सुंदरम्।
गुजरे कल को कर शीश नमन,
         नई उम्मीद,नया सवेरा से सजे वतन
         आशाओं को संजोएॅं,निराशा का हो पतन,
         मोमबत्ती  को थामें बढ़े चलें ,क्यों न हम?
         नूतन वर्ष को सुसज्जित कर,दूर करें तम।
  गुजरे कल को कर शीश नमन,
 मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।                      

                                   अर्चना सिंह‘जया’