Sunday, December 31, 2017

भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता )

भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता ):                      गुजरे कल को कर शीश नमन, मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।          वसंत के आगमन से पिहु बोल उठा,          फिर स...

Monday, December 18, 2017

Kya Kahta Hai India.!! Great Show


https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc
https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc

I witnessed and enjoyed an enthusiastic show..on 15th Dec..!!
"Kya Kahtaa Hai India" on Zee News

Saturday, December 9, 2017

अपना उल्लू सीधा करते

अपना उल्लू सीधा करते
देश के नेता ही,हमें हैं छलते।
घूम गली-गली नेतागण
करते दिन रात प्रचार जहाॅं।
दिन में भी सपने दिखलाते 
ठग का करते व्यापार वहाॅं।
बेचारी जनता समझ नहीं पाती
किस बात को सच वो समझे ?
किस बात को चाल यहाॅं ?
किस्सा कुर्सी का मन में लिए
नेता बने बहेलिया यहाॅं।
जनता की भावनाओं से 
नित करते खिलवाड़ यहाॅं।
मर्म समझ आती नहीं इनको
राह बदलना, वचन तोड़ना
भाषण देकर भ्रमित है करना।
धर्म-जाति के नाम पर
खेला करते हैं सत्ता तंत्र यहाॅं।
सुरक्षा, शिक्षा ,बेरोजगारी
कहाॅं समझते वे अपनी जिम्मेदारी?
रोटी,कपड़ा और मकान बस
इतनी ही चाहत है हमारी मजबूरी।
लुभावने भाषण हमें सुनाकर
दिग्भ्रमित करने की कोशिश करते,
रंगा सियार बन चुनाव दंगल में
अपना उल्लू सीधा करते। 
                 ...................अर्चना सिंह जया