Friday, March 23, 2018

शहीदों को भाव पूर्ण श्रद्धांजलि

मातृभूमि ( कविता )

 

आभार प्रकट करते हैं हम
ऐ वतन, तेरा सदा।
तेरी मिट्टी की खुशबू,
मॉं के ऑंचल में है छुपा।
कई लाल शहीद भी हुए,
फिर भी माताओं ने सपूत दिए।
निर्भय हो राष्ट् के लिए जिए
और शहीद हो वो अमर हुए।
आभार प्रकट करते हैं हम
ऐ मातृभूमि, हम तेरा सदा ।
धैर्य ,ईमानदारी,सत्यता, सहनशीलता
भू भाग से है हमें मिला।
खड़ा हिमालय उत्तर में धैर्यता से
धरा की थामें बाहें सदा।
अटल-अचल रहना समझाता
सहनशीलता वीरों को सिखलाता।
कठिनाई से न होना भयभीत
सत्य की हमेशा  होती है जीत।
आभार प्रकट करते हैं हम
ऐ मातृभूमि, हम तेरा सदा।
हिय विशाल है सागर का
दक्षिण में लहराता तन उसका।
नदियॉं दर्पण-सी बहती कल-कल
समतल भूभाग से वो प्रतिपल।
झरने पर्वत से गिरती चलती
जैसे बालाएॅं ,सखी संग हॅसती।
खेत,वन सुंदर है उपवन
भू के गर्भ में छुपा है कंचन।
प्रशंसा कितनी करु मैं तेरी?
भर आती अब ऑंखें मेरी।
विराट  ह्रदय  है मातृभूमि तेरा
सो गए वो यहॉं, जो प्रिय था मेरा।
आभार प्रकट करते हैं हम
ऐ मातृभूमि! हरदम हम तेरा ।      
 
                         ______  अर्चना सिंह‘जया’
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Tuesday, March 13, 2018

Pahla Pyaar ....Story


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My next book ' Pahla Pyaar' ---- Mehandi ki raat .

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Archana Singh

Monday, March 5, 2018

नारी तू सशक्त है [ कविता ]

   नारी तू सशक्त है।


बताने की न तो आवश्यकता है
न विचार विमर्श की है गुंजाइश।
निर्बल तो वह स्वयं है,
जो तेरे सबल होने से है भयभीत।
नारी तू सशक्त है
धर्म-अधर्म की क्या कहें?
स्त्री धर्म की बातें ज्ञानी हैं बताते
पुरुष धर्म की चर्चा कहीं,
होती नहीं कभी अभिव्यक्त है।
नारी तू सशक्त है।
देवी को पूजते घरों में,
पर उपेक्षित होती रही फिर भी।
मान प्रतिष्ठा है धरोहर तेरी,
अस्तित्व को मिटाती औरों के लिए
नारी तू सशक्त है /
तू ही शारदा ,तू लक्ष्मी,तू ही काली
धरा पर तुझ-सी नहीं कामिनी।
तेरे से ही सृष्टि होती पूर्ण यहाॅं,
भू तो गर्व करता रहेगा सदा।
नारी तू सशक्त रही
और तू सशक्त है सदा।

                 -------------  अर्चना सिंह जया

' 8 मार्च अंतर्राष्टीय महिला दिवस ' पर सभी नारियों को समर्पित  /