Friday, August 17, 2018

विचारों के अटल। कविता

जो आदर्श में अटल रहें,
विचारों में प्रबल रहें।
धर्म जाति से परे वे ,
मानवता अविरल रहे।
विस्तृत विचार व उदार
भाव की धारा सरल रही।
आकर्षक व्यक्तित्व व
प्रभावशाली था शब्दकोष ।
आशा से अतीत वे
सत्यपथ पर अग्रसर रहे।
यशस्वी व अनुयायी रहें
अहिंसा के सदा ही।
कृतार्थ हुए अटल जी से,
तटस्थ रहे जीवन में सदा ही।
विचारों में बहुदर्शिता,
सहिष्णुता, निर्मलता,निस्पृह
वाजपेयी जी की छवि यहाँ।
कुशाग्र,धर्मनिष्ठ,नीतिज्ञ
दृढ़निश्चय सा महान।
समदर्शी,कुशल राजनीतिज्ञ
भारत रत्न वे अमर रहें।
अटल सा ना कोई हुआ,
अद्वितीय है व्यक्तित्व जिसका
चाँद-सूरज सा वे चमकें यूँ,
वतन को जिस पर अभिमान रहे।

.......अर्चना सिंह जया
अटल जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि💐

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