Thursday, May 15, 2025

आप्रेशन सिंदूर पर कविता वर्तमान परिस्थितियों को व्यक्त करती हुई।

आतंकवादियों को ललकारने,

दहशत दिल में जगाने आया 'आप्रेशन सिंदूर'।

मां-बहन-बहुओं के आंसुओं का मान रख,

हुंकार लगाने लो आ गया 'आप्रेशन सिंदूर'।

दहशतगर्दों व दोगलों की नींद उड़ानें,

दुश्मनों को धूल चटाने वो आया 'आप्रेशन सिंदूर'।

छेड़-छाड़ तुमने की है, तो मानवता का

सबक सिखाने पांव पसारा है 'आप्रेशन सिंदूर'।

नापाक इरादों को मिटा, बुरा का अंजाम बुरा होगा 

जैसे को तैसा मिलेगा समझाया 'आप्रेशन सिंदूर'।

पाक का हृदय चीर दुशासनों को रौंदा,

अहम् को चूर चूर करने देखो आया 'आप्रेशन सिंदूर'।

हिंद देश का हर नागरिक हिंदुस्तानी है,

'गर्व है हम हिन्दू हैं' यह समझाने आया 'आप्रेशन सिंदूर'।



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