Tuesday, November 14, 2017

बाल दिवस [ कविता ]


बाल दिवस कुछ यूॅं मनाएॅं 
बच्चों के संग बच्चे बनकर,
अपना खोया बचपन पाएॅं।
टाॅफी ,गुब्बारे ,पतंग संग
बीते पल को वापस लाएॅं।
बाल दिवस कुछ यूॅ मनाएॅं।
बच्चे ही हैं राष्ट् निर्माता
आओ मिलकर भविष्य सवारें।
14 नवम्बर को ही मात्र नहीं,
हरदिन  मुस्कानों को सजाएॅं।
बच्चों संग अपने गम भुलाएॅं।
बाल दिवस कुछ यूॅं मनाएॅं।
कागज़ की कश्ती बनाकर
आओ औंधी छतरी में तैराएॅं।
बच्चों के हाथों सौंप कल को,
' नेहरु ' के सपने साकार बनाएॅं।
बाल दिवस कुछ यूॅं मनाएॅं
बच्चों के संग बच्चे बनकर,
अपना खोया बचपन पाएॅं।
     
                    ................ अर्चना सिंह जया




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