भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Friday, August 21, 2020

श्री गणेशाय नमो नमः

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गौरी नंदन, जय जग वंदन श्री गणेशाय नमो नमः। विघ्नहर्ता, गणपति बप्पा श्री गणेशाय नमो नमः। शंकर सुवन, पार्वती नंदन मात पिता की करके भक्ति जगत प...
Tuesday, August 11, 2020

जय बोलो गोपाल की

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जय गोपाला, जय नंदलाला जयबोलो घनश्याम की। जय बृजमोहन, जय यशोदा नंदन जय बोलो राधे श्याम की। हाथी घोड़ा पालकी, जय बोलो गोपाल की। जय मधुसूदन, जय...
Wednesday, August 5, 2020

श्री राम में रम जाओ

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मंगल गीत गाओ री सखि, राम लला के गीत गाओ री जय राम,श्री राम में रम जाओ री सखि। मंगल गीत गाओ री सखि। सरयू तट पर हुई भीड़ भारी, धन्य हुई है अवध...

वक्त का खेल

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कितने मजबूर हो गए हम, पास होकर भी दूर हो गए हम। बीत गई होली बस यूं ही, न चढ़ा रंग प्रेम का सोचो। दूरियां बढ़ा ली मानव ने, वक्त ने रचा खेल है...
Wednesday, July 29, 2020

कविता

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✍️😃 उन्नीस बीस का अंतर इस वर्ष ने अच्छे से समझाया। छोटे बड़े झटके रह रह जीवन को महसूस है कराया। 🙏🌸 कुछ नहीं रखा है 'मैं' म...
Tuesday, July 28, 2020

Tum kahan ja rahe ho

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https://twitter.com/zorbabooks/status/1287645655645728769?s=20 For this poem, (in 50 words) तुम कहां जा रहे हो? ✍🏻 कुछ दूर ही चला था, कि का...
Thursday, July 23, 2020

सावन मन भावन

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सावन मन भावन है। बरखा की बूंदों में, शीतल पवन के झोंंकों में, बादलों के घेरों में, कोयल के गीतों में, सावन मन भावन है। अमिया के झूलों पे, नद...
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