भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Sunday, December 31, 2017

भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता )

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भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता ) :                      गुजरे कल को कर शीश नमन, मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।          वसंत...
Monday, December 18, 2017

Kya Kahta Hai India.!! Great Show

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https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc I witnessed and enjoyed an enthusiastic show....
Saturday, December 9, 2017

अपना उल्लू सीधा करते

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अपना उल्लू सीधा करते देश के नेता ही,हमें हैं छलते। घूम गली-गली नेतागण करते दिन रात प्रचार जहाॅं। दिन में भी सपने दिखलाते  ठग...
Monday, November 20, 2017

बेटी का जन्म ( कविता )

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बेटी का जन्म ( कविता )    न जाने मुझे ये कैसा भ्रम हुआ ? गॉंव घरों में बॅंटते देख लड्डू मैंने पूछा,‘आज कैसा शगुन हुआ?’ हॉं,‘आज...
Tuesday, November 14, 2017

बाल दिवस [ कविता ]

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बाल दिवस कुछ यूॅं मनाएॅं  बच्चों के संग बच्चे बनकर, अपना खोया बचपन पाएॅं। टाॅफी ,गुब्बारे ,पतंग संग बीते पल को वापस लाएॅं। बाल दिवस क...
Monday, November 6, 2017

मतदान से पूर्व करना विचार. { कविता }

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मतदान से पूर्व करना विचार [ कविता ] चलो बनाए नई सरकार ज्ञान का जलाएॅं ,फिर मशाल। अशिक्षा, गरीबी और भ्रष्टाचार दूर करने पर जो करे व...
Thursday, November 2, 2017

ANTARAA

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Hindi Book Free available in Women Stories Essays Book category. Author Archana Singh has written Antaraa part 1,2 &3 in Hindi for fr...
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