सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।
Sunday, March 12, 2017
Thursday, March 9, 2017
Wednesday, March 1, 2017
Saturday, February 25, 2017
Tuesday, February 21, 2017
Sunday, February 19, 2017