सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।
Sunday, June 26, 2016
Tuesday, June 21, 2016
Saturday, June 18, 2016
Saturday, June 11, 2016
Thursday, June 9, 2016
Friday, June 3, 2016