Wednesday, July 29, 2020

कविता

✍️😃
उन्नीस बीस का अंतर
इस वर्ष ने अच्छे से समझाया।
छोटे बड़े झटके रह रह
जीवन को महसूस है कराया।
🙏🌸
कुछ नहीं रखा है 'मैं' में
खाली हाथ लौटना है वहां।
सफ़र है जिंदगी, मंजिल नहीं
जी ले इक इक पल यहां।

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