जय ,जय हो नंद लाल
देवकी ने जन्म दिया,
यशोदा ने लाड प्यार।
पूतना का कर संहार,
गोपाला ने भरी मुस्कान।
जय, जय हो नंद लाल
गेंद यमुना में डार,
कालिया का किया दमन।
मथुरा जन हुए प्रसन्न,
गोपाला को कर शीश नमन।
जय, जय हो नंद लाल
मुख में ब्रम्हाड देख,
यशोदा हुई चकित अपार।
माखनचोर,नंद किशोर
गोपियाँ करती पुकार।
जय,जय नंद लाल
बकासुर ,अघासुर वध कर
मथुरा का किए उद्धार।
कंस के अत्याचार को
हंँसी खेल में दिया टाल।
जय, जय हो नंद लाल
ऊखल बंधन ,माँ संग रूठन
नटखट की लीला अपार।
बाँँसुरी धुन पर पशु पक्षी
गोपियाँ भी थी निहाल।
जय,जय हो नंद लाल
यमुना तट गोपियों संग
कृष्णा की लीला अपार।
रास रचे राधे संग,
बैठ कदम की डार।
जय,जय नंद लाल
सुदामा से गले मिल
जीवन दिया उबार।
प्रेम ,भक्ति को नत हो
द्रोपदी का हरे लाज।
जय, जय हो नंद लाल
बल को छल से हरे
छल को बल से मार।
धर्म, सत्य का साथ दे
कुरुक्षेत्र में दिए ज्ञान।
जय, जय हो नंद लाल।
गोपियाँ करती पुकार।
जय,जय नंद लाल
बकासुर ,अघासुर वध कर
मथुरा का किए उद्धार।
कंस के अत्याचार को
हंँसी खेल में दिया टाल।
जय, जय हो नंद लाल
ऊखल बंधन ,माँ संग रूठन
नटखट की लीला अपार।
बाँँसुरी धुन पर पशु पक्षी
गोपियाँ भी थी निहाल।
जय,जय हो नंद लाल
यमुना तट गोपियों संग
कृष्णा की लीला अपार।
रास रचे राधे संग,
बैठ कदम की डार।
जय,जय नंद लाल
सुदामा से गले मिल
जीवन दिया उबार।
प्रेम ,भक्ति को नत हो
द्रोपदी का हरे लाज।
जय, जय हो नंद लाल
बल को छल से हरे
छल को बल से मार।
धर्म, सत्य का साथ दे
कुरुक्षेत्र में दिए ज्ञान।
जय, जय हो नंद लाल।
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