Sunday, July 3, 2016

ममता की छॉंव ( कविता )

     

मॉं की ममता है सबसे न्यारी
जीवन दायनी बन कर तुम
सींचती जीवन बगिया क्यारी ,
मॉं की स्नेह का मोल नहीं
उसकी ऑंचल में है फुलवारी ।
मॉं की ममता है सबसे न्यारी ।
    सद्गुणों से परिचय करवाती
    कठिन राह भी सरल बनाती
    अपने अश्रु हमीं से छुपाती
    उसके स्पर्श की हूॅं आभारी।
    मॉं की ममता है सबसे न्यारी ।
दो परिवारों का दायित्व निभाती
राह के काटों को चुन-चुनकर
मखमली बिस्तर पर हमें सुलाती।
हमारे सपनों में सदा रंग भरती
मॉं की ममता है सबसे न्यारी ।
     तू ही श्री, नीरधि ,तू ही शारदा
     तुझमें देखूॅं सम्पूर्ण व्योम-धरा
     शीतल छॉंव तेरी है प्यारी
     ममता की छॉंव पर जाऊॅं वारि  ।
     ऋण उतार न पाऊॅं ममता की
     मॉं की ममता है सबसे न्यारी ।


                                          ........................  अर्चना सिंह‘जया’
                           मॉं सदैव तुम्हें प्रणाम

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