भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Saturday, March 28, 2020

दिल से

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 😊 ना होना मायूस कभी भी, रुकती नहीं है जिंदगी यहाँ। कर सको तो करो मोहब्बत, करो ना कभी नफ़रत यहाँ। वक्त पर भी कुछ छोड़ा करो करता है सह...
Monday, March 23, 2020

कोरोना

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# सुप्रभात रास्ते आज तन्हाँ हो गए बिन राहगीर व मंजिल के। क्या ख़बर थी कि वक्त ऐसा भी आएगा। हम बुद्धिजीवियों को, कोरोना ...
Wednesday, March 18, 2020

सदकर्म ही जीवन

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पानी का कोई रंग नहीं, पवन का कोई धर्म नहीं। भूख की कोई मज़हब नहीं, रोटी की कोई जाति नहीं। सूर्य की किरणों से सीखो, चाँद की चाँदनी को दे...

विचार अभिव्यक्ति

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😊💐 फिक्र न कर हार जीत की बस जुटकर प्रयास कर। अपना भी दिन आएगा , बस उस पर विश्वास कर। 💐 उम्र गुजर रही है चाहत लिए हुए, ढ़लता सूरज द...
Monday, March 9, 2020

गुलाल संग

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 गुलाल संग आओ चलो फागुन का आनंद लें। इस होली फिर जीवन में रंग भरें।. संग गुलाल के रंग प्रेम का, रंग खुशियों का, अपनी झोली में भर लें। तन मन...
Sunday, March 8, 2020

नारी तू सशक्त है 💐

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नारी तू सशक्त है [ कविता ]               नारी तू सशक्त है। बताने की न तो आवश्यकता है न विचार विमर्श की है गुंजाइश। निर्बल तो वह स्व...
Saturday, February 1, 2020

रिश्तों के खुशबू

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वक्त आज क्या से क्या देखो है हो चला। ओहदे बढ़ते गए और दिल सिमट सा गया। मकान छोटे से बड़ा और भी बड़ा धीरे धीरे होता गया। पर घर के सदस्य ...
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