भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Saturday, February 1, 2020

रिश्तों के खुशबू

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वक्त आज क्या से क्या देखो है हो चला। ओहदे बढ़ते गए और दिल सिमट सा गया। मकान छोटे से बड़ा और भी बड़ा धीरे धीरे होता गया। पर घर के सदस्य ...
Thursday, January 30, 2020

जय माँ शारदा प्रार्थना

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जय माॅं शारदा! [प्रार्थना] जय माॅं शारदा। हे माॅं! वागेश्वरी विद्या-बुद्धि दायनी चरणों में अर्पित पुष्प नमन। कर जोड करते वंदना हम। ...
Sunday, January 26, 2020

हमारा देश

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जल,थल,नभ में देखो आज तिरंगा है, लहराया। भाईचारे व विभिन्नता में फिर से है, एकता दर्शाया। भिन्न-भिन्न हैं रंग जहाँ  भिन्न-भिन्न यह...
Thursday, January 16, 2020

Kahani - Ghar hai kahan

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पुरस्कृत कहानी. घर है कहाँ? https://www.ekalpana.net/paanchkahaniaan https://www.ekalpana.net/paanchkahaniaan
Monday, January 13, 2020

उत्सव,उल्लास है लाया कविता

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उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ]  पर्व ,उत्सव है सदा मन को भाता  ‘खेती पर्व’ संग उल्लास है लाता।  कृषकों का मन पुलकित हो गाया,  ‘‘खे...
Saturday, January 11, 2020

10 JAN विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ।

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                 हिंदी हैं हम देवनागरी लिपि है हम सब का अभिमान, हिन्दी भाषी का आगे बढ़कर करो सम्मान।  बंद दीवारों में ही न करना इस ...
Wednesday, January 1, 2020

नव वर्ष का स्वागत

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क्या छोड़ चलें, क्या साथ ले चलें गत वर्ष से कुछ मीठी यादें समेंट चलें। प्रेम,स्नेह,मुस्कान की  थाल सजाकर , नव वर्ष आगंतुक का  चल स्वा...
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