भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Tuesday, February 26, 2019

जय हिंद 🙏

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🙏🇮🇳🙏 प्रेम,स्नेह,आभार प्रकट सदा ही करते आए हम, पर यदि ललकारोगे तो,बारूद बन बरसेंगे हम। 🙂 लहू हमारे भीतर भी है,यह अब बतला देंगे हम।...
Saturday, February 23, 2019

परीक्षा को न बनाएँ हौव्वा

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विशेषकर बच्चों व अभिभावकों के लिए। https://www.matrubharti.com/book/19864601/parikshaa-ko-na-banaye-houaa
Sunday, February 17, 2019

जि़दगी

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                💐ज़िंदगी💐 क्या गलत है, क्या सही है? समझ नहीं पायी थी ज़िंदगी ,  जीवन के चैराहे पर तन्हाॅ, कश्मकश में थी सहमी ज़िंदगी।...
Friday, February 15, 2019

शत् शत् नमन

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🙏🙏 गगन भी झुका है जिसके सज़दे, धरा भी रो रही है जिनके वास्ते, जन जन की हो गई आँंखें नम, वतन के शहीदों को पुष्प नमन ।💐💐            ...
Tuesday, January 1, 2019

Happy New Year 😊

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नव वर्ष का आगमन ( कविता )                      गुजरे कल को कर शीश नमन, मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।          वसंत के आगमन स...
Wednesday, November 28, 2018

परीक्षा को हौव्वा न बनाएँ।

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Monday, November 12, 2018

POEM --- चलो सूर्योपासना कर लें

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चलो सूर्योपासना कर  लें           चलो सूर्योपासना कर लें, छठी मईया की आराधना कर लें। अनुपम लोकपर्व फिर मना कर, कार्तिक शुक्ल षष्ठ...
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