भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Tuesday, May 29, 2018

भूमि [ कविता ]

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                      धूप की तपन से जलती रही मैं भूमि। तन पर दरारें पड़ती रही, तड़पती रही स्नेह बॅॅंूद को। कैसे झूमेगा मयूर-मन ? बादल आ...
Friday, May 18, 2018

My Article is in Samarth Bharat magazine.

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Samarth Bharat magazine, First Issue of May2018.       
Friday, May 4, 2018

अग्नि परीक्षा [ कविता ]

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        बालपन से सिर्फ सुना किया राधा ,मीरा, सीता, अहल्या की नानी-दादी से किस्से- कहानियाँ । आनंदित हो जाती थी सुनकर न सोचा, न तर...
Friday, April 27, 2018

Topic - Community Development

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Awareness Programme by Kriti Foundation ............                                                                                 My...
Saturday, April 14, 2018

भावांजलि: उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ]

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भावांजलि: उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ] :  पर्व ,उत्सव है सदा मन को भाता    ‘खेती पर्व’ संग उल्लास है लाता।  कृषकों का मन पुलकित हो गाय...
Friday, March 23, 2018

शहीदों को भाव पूर्ण श्रद्धांजलि

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मातृभूमि ( कविता )   आभार प्रकट करते हैं हम ऐ वतन, तेरा सदा। तेरी मिट्टी की खुशबू, मॉं के ऑंचल में है छुपा। कई लाल शहीद भी हुए, फिर...
Tuesday, March 13, 2018

Pahla Pyaar ....Story

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www.matrubharti,com My next book ' Pahla Pyaar' ---- Mehandi ki raat . https://www.matrubharti.com Search b...
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