भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Friday, April 27, 2018

Topic - Community Development

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Awareness Programme by Kriti Foundation ............                                                                                 My...
Saturday, April 14, 2018

भावांजलि: उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ]

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भावांजलि: उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ] :  पर्व ,उत्सव है सदा मन को भाता    ‘खेती पर्व’ संग उल्लास है लाता।  कृषकों का मन पुलकित हो गाय...
Friday, March 23, 2018

शहीदों को भाव पूर्ण श्रद्धांजलि

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मातृभूमि ( कविता )   आभार प्रकट करते हैं हम ऐ वतन, तेरा सदा। तेरी मिट्टी की खुशबू, मॉं के ऑंचल में है छुपा। कई लाल शहीद भी हुए, फिर...
Tuesday, March 13, 2018

Pahla Pyaar ....Story

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www.matrubharti,com My next book ' Pahla Pyaar' ---- Mehandi ki raat . https://www.matrubharti.com Search b...
Monday, March 5, 2018

नारी तू सशक्त है [ कविता ]

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   नारी तू सशक्त है। बताने की न तो आवश्यकता है न विचार विमर्श की है गुंजाइश। निर्बल तो वह स्वयं है, जो तेरे सबल होने से है भयभीत। नार...
Wednesday, February 28, 2018

बाल मंच

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www.pothi.com "बाल मंच" Archana Singh jaya
Saturday, February 24, 2018

होली है....( कविता )

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          होली है   चलो फिर से गुलाल संग बोलें-होली है,भाई होली है। पिचकारी ले, निकली बच्चों की टोली है। जीवन को आनंद के रंग में भिंगो...
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