भावांजलि

सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।

Friday, January 26, 2018

मेरा अभिनंदन तुम्हें। (कविता)

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 मेरा अभिनंदन तुम्हें। स्नेह पुष्प है नमन तुम्हें, हे मातृभूमि! मेरा अभिनंदन तुम्हें। माटी कहती कहानी तेरी कोख से जनमें सपूत कई,...
Monday, January 22, 2018

जय माॅं शारदा! [प्रार्थना]

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जय माॅं शारदा। हे माॅं! वागेश्वरी विद्या-बुद्धि दायनी चरणों में अर्पित पुष्प नमन। कर जोड करते वंदना हम। हे माॅं! वीणापाणी जय माॅं शा...
Friday, January 12, 2018

उत्सव,उल्लास है लाया ( कविता )

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उत्सव, उल्लास है लाया [ कविता ]  पर्व ,उत्सव है सदा मन को भाता    ‘खेती पर्व’ संग उल्लास है लाता।  कृषकों का मन पुलकित हो गाया,  ‘‘...
Sunday, December 31, 2017

भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता )

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भावांजलि: नव वर्ष का आगमन ( कविता ) :                      गुजरे कल को कर शीश नमन, मधुर मुस्कानों से हो नववर्ष का आगमन।          वसंत...
Monday, December 18, 2017

Kya Kahta Hai India.!! Great Show

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https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc https://www.youtube.com/watch?v=GRRcvmFKzXc I witnessed and enjoyed an enthusiastic show....
Saturday, December 9, 2017

अपना उल्लू सीधा करते

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अपना उल्लू सीधा करते देश के नेता ही,हमें हैं छलते। घूम गली-गली नेतागण करते दिन रात प्रचार जहाॅं। दिन में भी सपने दिखलाते  ठग...
Monday, November 20, 2017

बेटी का जन्म ( कविता )

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बेटी का जन्म ( कविता )    न जाने मुझे ये कैसा भ्रम हुआ ? गॉंव घरों में बॅंटते देख लड्डू मैंने पूछा,‘आज कैसा शगुन हुआ?’ हॉं,‘आज...
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