सागर ऊर्मि की तरह मानव हृदय में भी कई भाव उभरते हैं जिसे शब्दों में पिरोने की छोटी -सी कोशिश है। मेरी ‘भावांजलि ’ मे एकत्रित रचनाएॅं दोनों हाथों से आप सभी को समर्पित है। आशा करती हूॅं कि मेरा ये प्रयास आप के अंतर्मन को छू पाने में सफल होगा।
"पश्चाताप" कहानी प्रकाशित हो चुकी है।😊 https://www.ekalpana.net/post/archanasinghmarch2021story
मेरी स्वरचित व मौलिक रचना जिसे सराहा गया।
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