राम लला के गीत गाओ री
जय राम,श्री राम में रम जाओ री सखि।
मंगल गीत गाओ री सखि।
सरयू तट पर हुई भीड़ भारी,
धन्य हुई है अवध हमारी,
ईंट ईंट राम की है आभारी
झूम रहे बच्चे, बूढ़े, नर-नारी,
माटी माटी से आवाज आई
बस 'राम नाम है सुखदाई।'
राम लला के गीत गाओ री।
जय राम,श्री राम में रम जाओ री।
भूमि पूजन,पुष्प,तिलक कर
राम, राम की जयकार लगा।
राम नाम ही है सत्य साईं,
रोम रोम में राम समायी,
दो अक्षर में जग रमायी,
परम आनंद इस नाम में भाई।
राम लला के गीत गाओ री।
जय राम,श्री राम में रम जाओ री।
भक्ति रस में डूबी नगरी सारी,
सियाराम की छवि लागे प्यारी।
राम धुनी तन मन में रमाई।
धन्य-धन्य हुए अवध बिहारी।।
धरती अंबर में है गुंजायमान,
तन मन में रम गए सियाराम।
राम लला के गीत गाओ री।
जय राम,श्री राम में रम जाओ री।
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