क्या छोड़ चलें,
क्या साथ ले चलें
गत वर्ष से कुछ
मीठी यादें समेंट चलें।
प्रेम,स्नेह,मुस्कान की
थाल सजाकर ,
नव वर्ष आगंतुक का
चल स्वागत करें ।
नव संकल्प लें औ
कुविचार त्याग चलें
रिश्तों के संग सुनहरे
सपने पिरो चलें ।
निराशा को आशा में
तबदील कर चलें।
जीवन गुलिस्ताँ
पुषपों से महका चलें।
क्या साथ ले चलें
गत वर्ष से कुछ
मीठी यादें समेंट चलें।
प्रेम,स्नेह,मुस्कान की
थाल सजाकर ,
नव वर्ष आगंतुक का
चल स्वागत करें ।
नव संकल्प लें औ
कुविचार त्याग चलें
रिश्तों के संग सुनहरे
सपने पिरो चलें ।
निराशा को आशा में
तबदील कर चलें।
जीवन गुलिस्ताँ
पुषपों से महका चलें।
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