गुलाल संग
आओ चलो
फागुन का आनंद लें।
इस होली फिर
जीवन में रंग भरें।.
संग गुलाल के
रंग प्रेम का,
रंग खुशियों का,
अपनी झोली में भर लें।
तन मन में
रंग गीत का,
रंग मीत का,
फाग गाकर झूम लें।
गुलाल मल दे
बैर भूलकर,
बिन पानी के भी
चल हो लेंं गीले,
स्नेह रस जो गर पी लेंं।
रंगों का यह पर्व,
सदा लुभाता है हमें।
लाल,हरा, गुलाबी या
पीला हो गुलाल,
रंग भेद है दूर कर
प्रेम रंग से होते निहाल।
लाल,हरी,पीली,
नीली है हो - ली,
धरा फिर इस होली।
गुलाल संग आ,
चल खेलें होली।
......अर्चना सिंह जया
आओ चलो
फागुन का आनंद लें।
इस होली फिर
जीवन में रंग भरें।.
संग गुलाल के
रंग प्रेम का,
रंग खुशियों का,
अपनी झोली में भर लें।
तन मन में
रंग गीत का,
रंग मीत का,
फाग गाकर झूम लें।
गुलाल मल दे
बैर भूलकर,
बिन पानी के भी
चल हो लेंं गीले,
स्नेह रस जो गर पी लेंं।
रंगों का यह पर्व,
सदा लुभाता है हमें।
लाल,हरा, गुलाबी या
पीला हो गुलाल,
रंग भेद है दूर कर
प्रेम रंग से होते निहाल।
लाल,हरी,पीली,
नीली है हो - ली,
धरा फिर इस होली।
गुलाल संग आ,
चल खेलें होली।
......अर्चना सिंह जया