Thursday, June 6, 2019

सुप्रभात

कोयल की कूक सुबह सुनाई दे गई,
मन में सोए अहसास फिर जगा गई ।
छू कर तन को,पवन जब गुजरती है,
कोई ख़लिश सी मन में फिर जगती है।
अमिया की टहनी पर चढ़ना-झूलना,
पल में मधुकर के पीछे दौड़ना भागना।
बाबा की हथेली से बताशे किशमिश ले,
वो माँ की स्नेह आँचल में आकर छुपना।
बालपन की वो अठखेलियाँ याद आती,
बाबुल की याद तरोताज़ा कर जाती है।
प्रातः पिक गाकर सबका मन है लुभाती,
उदासी में भी मीठा रस घोल है जाती।

Wednesday, June 5, 2019

Poem

आज का वक्त हो सब.को मुबारक,
सिर झुकाकर करो खुदा की इबादत।
प्रेम मोहब्बत मज़हब है हमें सिखाता,
एक रंग, एक सूत्र में है हमें पिरोता ।
चाँद अपनी मुस्कुराहट है बिखेरता,
'ईद का दिन हो मुबारक ' ये है कहता।

Friday, March 8, 2019

Happy Womens Day💐

😊
उसी से घर-आँगन का मान,
उसी से रौनक सुबह व शाम।
वही है राधा,सीता ,सती
वही है काली व दुर्गा भी।
सदा करो उसका सम्मान,
सुख का होगा फिर आह्वान ।
आदर दे कर ,आदर है पाना
धैर्य प्रेम की है वो प्रतिमा।
सरस्वति,लक्ष्मी स्वरुप वो
जीवनदायनी है परिवार की।
औरत की महिमा है महान,
शब्दों न सिमट सकती बखान।
दो परिवार का वो है अभिमान,
कायम रखना उसका स्वाभिमान।
       😊Happy Womens Day💐